KUMBHALGARH | IN HINDI - About Rajasthan RJ

About Rajasthan RJ

All latest info About Rajasthan..

MOST VISITED

Wednesday, November 7, 2018

KUMBHALGARH | IN HINDI

          KUMBHALGARH  IN HINDI 

 कुम्भलगढ़ किला

      कुम्भलगढ़ किला मेवाड़ के प्रसिद्ध किलो में से एक है, जो अरावली पर्वत पर स्थित है। यह किला भारत के पश्चिम में राजस्थान के उदयपुर जिले के राजसमंद में स्थित है। यह एक वर्ल्ड हेरिटेज साईट है जो राजस्थान की पहाडियों में स्थित है। इसका निर्माण 15 वी शताब्दी में राणा कुम्भ ने किया था, कुम्भलगढ़ महान शासक महाराणा प्रताप की जन्मभूमि भी है।
महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान शासक और वीर योद्धा थे। जिनका 19 वी शताब्दी तक किले पर कब्ज़ा था, लेकिन आज यह किला सामान्य लोगो के लिये भी खुला है। कुम्भलगढ़ उदयपुर से रोड वाले रास्ते से 82 किलोमीटर दूर है। चित्तोडगढ के बाद मेवाड़ के मुख्य किलो में यह भी शामिल है। मेवाड़ के सबसे बेहतरीन और प्रसिद्ध किलो में कुम्भलगढ़ किले Kumbhalgarh fort की गिनती की जाती है।
    Image result for KUMBHALGARH  IN HINDI

  2013 मे, कंबोडिया के पेन्ह में आयोजित वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के 37 वे सेशन में कुम्भलगढ़ किले के साथ-साथ राजस्थान के दुसरे बहुत से किलो को भी वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया। यूनेस्को ने राजस्थान के किलो की सूचि में इसे शामिल किया है।
किले की 38 किलोमीटर की दीवार के साथ, यह किला ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना के बाद यह सबसे विशाल दीवार वाला दूसरा किला है और चित्तौड़गढ़ किले के बाद यह राजस्थान के बाद दुसरा सबसे बड़ा किला है।

    कुम्भलगढ़ किले का इतिहास

इस किले के इतिहास को लेकर प्रयाप्त जानकारी उपलब्ध ना होने के कारण हम इस किले के इतिहास को लेकर ज्यादा कुछ नही कह सकते। कहा जाता है की इस किले का प्राचीन नाम मछिन्द्रपुर था, जबकि इतिहासकार साहिब हकीम ने इसे माहौर का नाम दिया था।
  Image result for KUMBHALGARH  IN HINDI
माना जाता है की वास्तविक किले का निर्माण मौर्य साम्राज्य के राजा सम्प्रति ने छठी शताब्दी में किया था। 1303 AD में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण करने से पहले का इतिहास आज भी अस्पष्ट है।
आज जिस कुम्भलगढ़ किले को देखते है उसका निर्माण हिन्दू सिसोदिया राजपूतो ने करवाया और वही कुम्भ पर राज करते थे। आज जिस कुम्भलगढ़ को हम देखते है उसे प्रसिद्ध आर्किटेक्ट एरा मदन ने विकसित किया था और अलंकृत किया था।
राणा कुम्भ का मेवाड़ साम्राज्य रणथम्बोर से ग्वालियर तक फैला हुआ है जिनमे मध्यप्रदेश राज्य का कुछ भाग और राजस्थान भी शामिल है। कुल 84 किले उनके अधिराज्य में थे, कहा जाता है की राणा कुम्भ ने उनमे से 32 किलो को डिजाईन किया था।
           Image result for KUMBHALGARH  IN HINDI
कुम्भलगढ़ ने मेवाड़ और मारवाड़ को भी अलग-अलग किया है और उस समय मेवाड़ के शासको द्वारा इन किलो का उपयोग किया जाता था। एक प्रसिद्ध घटना यहाँ राजकुमार उदय को लेकर घटित हुई थी, 1535 में इस छोटे राजकुमार की यहाँ तस्करी की गयी थी, उस समय चित्तोड़ घेराबंदी में था।
बाद में राजकुमार उदय ने ही उदयपुर शहर की स्थापना की थी। इसके बाद यह किला सीधे हमले के लिये अभेद्य ही रहा और एक बाद पानी की कमी की वजह से ही किले को थोड़ी क्षति पहुची थी।
अम्बेर के राजा मान सिंह, मारवाड़ के राजा उदय सिंह, मुघल सम्राट अकबर और गुजरात में मिर्ज़ा के लिये पानी की कमी को पूरा करने की वजह से यहाँ पानी की कमी आयी थी।
गुजरात के अहमद शाह प्रथम ने 1457 में किले पर आक्रमण किया था लेकिन उनकी कोशिश व्यर्थ गयी। स्थानिक लोगो का ऐसा मानना है की किले में स्थापित बनमाता देवी ही किले की रक्षा करती है और इसीलिए अहमद शाह प्रथम किले को तोडना चाहता था।
    Image result for KUMBHALGARH  IN HINDI
इसके बाद 1458-59 और 1467 में महमूद खिलजी ने किले पर आक्रमण करने की कोशिश की थी लेकिन वह भी असफल रहा। कहा जाता है की 1576 से किले पर अकबर के जनरल शब्बाज़ खान का नियंत्रण था।
1818 में सन्यासियों के समूह ने किले की सुरक्षा करने का निर्णय लिया था लेकिन फिर बाद में किले पर मराठाओ ने अधिकार कर लिया था। इसके बाद किले में मेवाड़ के महाराणा ने कुछ बदलाव भी किये थे लेकिन वास्तविक किले का निर्माण महाराणा कुम्भ ने ही किया था। और बाद में किले की बाकी इमारतो और मंदिर की सुरक्षा भी की गयी थी। 

      WITH LOVE , 4 U 
पधारो महरा राजस्थान 


No comments:

Post a Comment