FAMOUS TEMPALS OF RAJSTHAN | TOP 5 | IN HINDI
पुष्कर तीर्थ (अजमेर)
राजस्थान के पांच सबसे बड़े तीर्थ स्थलों की बात की जाए तो पुष्कर नंबर एक पर आता है। पुष्कर को तीर्थराज पुष्कर भी कहा जाता है। यह हिंदूओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहां सृष्टि के रचियता माने जाने वाले ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है। प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर पवित्र झील पुष्कर सरोवर के किनारे स्थित है। पुष्कर अजमेर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुष्कर में प्रति वर्ष विश्वविख्यात कार्तिक मेला लगता है। यहां पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र ब्रह्मा मंदिर, सावित्री मंदिर, मन महल, पुष्कर झील, मेड़ता, सवाई भोज मंदिर, गुरूद्वारा सिंह सभा आदि है
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करणी माता मंदिर (बीकानेर)
बीकानेर जिले के देशनोक स्थित करणी माता मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर बीकानेर शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। करणी माता का मंदिर में हजारों चूहे निडर घूमते रहते हैं। यह मंदिर चूहों वाली माता वाला मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर में चूहों की पूजा भी की जाती है और उन्हें दूध, अनाज एवं मिठाई चढ़ाई जाती है। प्रत्येक वर्ष नवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ा मेला लगता है। यहां बड़ी संख्या में लोग तीर्थ यात्रा के लिए वर्षभर आते हैं।
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बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर)
बेणेश्वर धाम आदिवासियों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है। यह सोम, माही और जाखम नदियों के संगम पर स्थित है। यहां तीर्थ माघ शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक आदिवासियों का सबसे बड़े मेले लगता है जिसे महाकुंभ भी कहा जाता है। बेणेश्वर धाम में बड़ी संख्या में आदिवासी एकत्रित होकर संगम में स्नान करते हैं और शिव के प्राचीन मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। बेणेश्वर धाम डू्ंगरपुर जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अनूठी परंपराओं और आदिवासी संस्कृति के लिए विश्वप्रसिद्ध है। यहां प्रमुख आकर्षण का केंद्र ब्रह्मा, विष्णु व शिव मंदिरों के अलावा राजा बलि की यज्ञस्थली है।
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श्रीनाथद्वारा मंदिर (राजसमंद)
यह प्रसिद्ध मंदिर उदयपुर शहर से 48 किेलोमीटर की दूरी पर राजसमंद जिले में स्थित है। यह वैष्णव सम्प्रदाय के करोड़ों लोगों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। श्रीनाथजी मंदिर पुष्टिमार्गीय वैष्णव सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ है। नाथद्वारा का शाब्दिक अर्थ श्रीनाथ जी का द्वार होता है। श्री कृष्ण यहां श्रीनाथ जी के नाम से विख्यात हैं। यहां काले पत्थर की बनी श्रीनाथ जी की इस मूर्ति की स्थापना 1669 में की गई थी। इस प्रसिद्ध मंदिर के अलावा यहां लालबाग, विठ्ठलनाथ मंदिर, द्वाराधीश मंदिर, गणेश टेकरी, नंदसमंद आदि प्रमुख पर्यटन के आकर्षण का केंद्र हैं।
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सांवलिया सेठ मंदिर (चित्तौड़गढ़)
यह राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। सांवलिया सेठ मंदिर उदयपुर शहर से मात्र 40 किलीमोटीर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़ जिले की भदेसर तहसील में आता है। हिंदूओं के प्रसिद्ध भगवान कृष्ण का यह मंदिर चित्तौड़गढ़-उदयपुर राजमार्ग पर स्थित है। यहां देवझूलनी एकादशी पर विशाल मेला लगता है, जिसमें मंदिर की ओर से रामरेवाड़ी रथ यात्रा निकाली जाती है। इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। सांवलिया सेठ को सांवरियाजी या सांवरिया सेठ या सांवरा सेठ भी कहा जाता है |
WITH LOVE , 4 U
पधरो म्हारा राजस्थान !
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