Mansoon Palace | in Hindi - About Rajasthan RJ

About Rajasthan RJ

All latest info About Rajasthan..

MOST VISITED

Wednesday, November 7, 2018

Mansoon Palace | in Hindi

   नसून महल उदयपुर | Monsoon Palace Udaipur 


मानसून महल, जिसे सज्जन गढ़ महल के नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ की चोटी पर स्थित एक आलिशान निवास स्थान है जो भारत के राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित है। इस महल के ऊपर से फ़तेह सागर झील का दृश्य देखा जा सकता है। इस महल का निर्माण सं 1884 में मेवाड़ राजवंश के महाराणा सज्जन सिंह (1874–1884) ने करवाया था जिसके पश्चात इस महल के नाम सज्जनगढ़ रख दिया गया। इस महल के द्वारा शहर की झीलों, महलो और इसके आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों को देखा जा सकता है। मुख्य रूप से इस महल का निर्माण मानसून के बदलो को देखने के लिए करवाया गया था जिसके कारण आज इसे मानसून महल के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है की महाराणा ने इस महल का निर्माण पहाड़ की चोटी पर इसलिए करवाया ताकि वे अपने पैतृक घर जो चित्तौरगढ़ में है को देख सके। पिछले कई समय से मेवाड़ के शाही परिवार के नियंत्रण में रहे इस महल को अब राजस्थान सरकार के वन विभाग को सौंप दिया गया है जिसे कुछ समय पहले ही आम जनता के लिए खोला गया है। इस महल से सूर्यास्त का आकर्षक दृश्य भी देखने को मिलता है।

Image result for Monsoon Palace | in Hindi
SAJJANGARH PALACE
अरावली पहाड़ियों के ऊँचाईयो पर, उदयपुर के नजदीक, इस महल को शाम के समय प्रकाशित किया जाता है, जो इसे सुनहरी नारंगी चमक प्रदान करता है। इस महल का प्रयोग सं 1983 में जेम्स बांड की फिल्म Octopussy में कमल खान के निवास स्थान जो एक निर्वासित अफगानी राजकुमार थे के रूप में प्रयोग किया गया था।
इस महल का इतिहास मेवाड़ राज्य के इतिहास को दर्शाता है। महाराणा सज्जन सिंह (b. July 18, 1859 d. December 23, 1884), मानसून महल के निर्माता थे जो मेवाड़ राजवंश (1874–1884) के बहत्तरवे शासक थे और इन्होने उदयपुर से बहुत ही अल्प काल 10 साल के लिए शासन किया था जिसके दौरान उनकी मृत्यु हो गयी थी। मेवाड़ राजवंश में उसके guhil इतिहास के कुछ अंश पाए जाते है, guhil वे है जिन्होंने सं 568 AD में मेवाड़ राज्य की स्थापना की थी।
जिस दौरान सज्जन सिंह को राजगद्दी पर बैठाया गया था उस समय वे मात्र 15 वर्ष के थे। उनके चाचा सोहन सिंह ने उन्हें राजगद्दी को हथियाने की चुनौती दी, और ज्योतिषीयो के साथ मिलकर एक साजिश रची जिसमे ज्योतिषियों ने कहा की राज्याभिषेक करने के लिए अभी उचित समय नहीं है। सौभाग्यवश उनके लिए एक ब्रिटिश अधिकारी जो उनके पक्ष में थे ने इस विषय में हस्तक्षेप किया और ज्योतिषियों को राज्याभिषेक करने के लिए अनुकूल तारीख देकर आश्वस्त किया। इसके दो वर्ष पश्चात सज्जन सिंह का राज्याभिषेक संपन्न किया गया। नए महाराणा के रह ने अवरोध उत्पन्न करने के लिए एक बार फिर उनके चाचा ने उनकी संपत्ति को जब्त करने की कोशिश की, और अंत में पकडे जाने पर सोहन सिंह को कैद कर लिया गया।
            Image result for Monsoon Palace | in Hindi
सं 1876 में महाराणा बनने के पश्चात, वे एक प्रबुद्ध शासक के रूप में उभरे। उन्होंने अपने राज्य में कई विकासात्मक गतिविधियों के विशाल कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमे उन्होंने बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाया जैसे सड़क, पानी की आपूर्ति और अन्य सिविल कार्य। उन्होंने नागरिक प्रशासन और अदालतों की भी स्थापना करवाई। उन्होंने उदयपुर के सामान्य वातावरण में वनीकरण और झील सुधार कार्यो द्वारा सुधार किया। उनके द्वारा बनायीं गयी योजना के सबसे मुख्य मदे सज्जन गढ़ महल व् मानसून महल का निर्माण था जो उदयपुर के पश्चिम में स्थित है।
सज्जन सिंह के शासन के दौरान उदयपुर को भारत के दूसरे नगरपालिका के रूप में मान्यता मिली। उनको मेवाड़ राज्य को संरक्षित और उसके विकास में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए मान्यता दी गयी और उन्हें याद दिलाने के लिए की ये रियासत ब्रिटिश राज के अधीन है, उन्हें नवंबर 1881 में Lord Ripon, ने “Grand Commander of the Star of India” के शीर्षक से सम्मानित किया और इस अवसर पर महारानी विक्टोरिया को भारत की महारानी का ताज पहना दिया गया।

संरचना :

सफ़ेद संगमरमर से बना ये महल, अरावली श्रेणी की Bansdara चोटी पर स्थित है, जो समुद्र तल से लगभग 944 m (3100 ft) की ऊँचाई पर है। महल के पश्चिम से 1,100 ft (340 m) की दुरी पर इसके नीचे स्थित लेक पिचोंला भी दिखाई पड़ता है। इस महल का निर्माण करने वाले महाराणा सज्जन सिंह का मुख्य उद्देश्य मूल रूप से एक खगोलीय केंद्र के रूप में एक नौ मंजिला परिसर का निर्माण करना था, ताकि महल के आस पास के क्षेत्र के मानसून बादलो की गति का पता लगाया जा सके और लोगो को रोजगार उपलब्ध कराना था। उनका एक और उद्देश्य शाही परिवार के लिए एक रिसोर्ट बनाना भी था। दुर्भाग्यवश, मात्र 26 वर्ष की आयु में महाराणा की मृत्यु हो गयी (सं 1874 से 1884 के बीच केवल 10 साल शासन के पश्चात), जिसके कारण उनकी ये योजना कुछ समय के लिए रुक गयी। उनकी मृत्यु से पूर्व, उन्होंने इसके आंशिक रूप को बनवाया था और तत्पश्चात उनके उत्तराधिकारी महाराणा फ़तेह सिंह ने इसे पूर्ण करवाया और इसका प्रयोग मानसून के बादलों को देखने के लिए किया। शाही परिवार इस ईमारत के प्रयोग एक हंटिंग आवास के रूप में करते थे।
         Image result for Monsoon Palace | in Hindi

सफ़ेद संगमरमर से बने इस महल में बड़े बुर्ज है और प्रत्येक मीनार को गार्ड नियमित करते है। इस महल में एक भव्य केंद्रीय अदालत है जिसमे सीढ़ी भी है, कई कक्ष और क्वाटर भी है। महल के निर्माण संगमरमर के स्तंभों पर किया गया है, जिनपर फूल पत्ती आदि के उत्तम रूपांकनों को खोदा गया है। महल की दीवारों को चुने के बुरे से प्लास्टर किया गया है। रात्रि में, ये अनोखा महल जिसमे राजस्थानी वास्तुकला के गुबन्द, फव्वारे और झरोखे परियो की कहानी का आभास देते है।
महल परिसर में एक अनोखी जल संचय सरंचना है जिसे भूमिगत तालाब कहा जाता है, इस तालाब में वर्षा का पानी एकत्रित किया जाता है जिसकी भण्डारण क्षमता 195,500 litre है। इस के बावजूद भी यहाँ पानी की आपूर्ति अपर्याप्त थी जिसके कारण उन्हें इस महल को छोड़ कर जाना पड़ा।

अन्य आकर्षण :

सज्जनगढ़ वन्य जीव अभ्यारण, महल के भीतर स्थित है, इसकी स्थापना सं 1987 में की गयी थी। इस अभ्यारण का क्षेत्रफल 5.19 square kilometres (2.00 sq mi) में फैला हुआ है। वर्तमान में ये एक पूर्ण सुरक्षित अभ्यारण है, जिसके आस पास एक मजबूत दीवार बना दी गयी है जिसका नाम किशन पोल है। पहाड़ के आस पास के क्षेत्र में बहुत घना जंगल है जिसको पूर्व शासकों ने शाही निशानेबाजी के लिए संरक्षित कर रखा था। सं 1764 में जन सिंधियों ने उदयपुर पर आक्रमण किया था, तब इस पहाड़ी का उपयोग तोपों के ढेर लगने के लिए किया गया था जिसमे से कुछ अभी भी शेष है।
इस महल से अभ्यारण, जिसमे रेंगनेवाले जंतु, बाघ, नीलगाय, सांभर हिरण, जंगली सूअर, हाइना, पैंथर्स, और गीदड़ों को संरक्षित रखा गया है दिखाई देता है। अनोखे पक्षियों को देखने के लिए भी ये क्षेत्र प्रसिद्ध है। यहाँ से एक दुर्गम यात्रा के लिए भी जाया जाता है जो गोरिल्ला पॉइंट से शुरू होकर जियान सागर और बरी लेक पर खत्म होता है। इस यात्रा के दौरान अरावली पहाड़ियों के प्राकृतिक सौंदर्य और आरक्षित वनों के वन्य जीवो का आनंद मिलता है।


महत्वपूर्ण जानकारी :

मानसून महल उदयपुर के पश्चिम से 5 kilometres (3.1 mi) की दुरी पर स्थित है और इस महल से लेक पिचोंला भी दिखाई पड़ता है। इस महल तक “सज्जन सिंह अभ्यारण” के चारो ओर बने घुमावदार रोड से टैक्सी ओर ऑटो रिक्शा द्वारा जाया जा सा सकता है। ये महल और सज्जन सिंह अभ्यारण इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षण है और इनमे पर्यटक सूर्यास्त तक प्रवेश कर सकते है। उदयपुर के लेक पिचोंला में कराई जाने वाली बोट राइड के दौरान इस किले का उत्कृष्ट नज़ारा देखने को मिलता है और पर्यटक इस महल की सुंदरता का आनंद लेते है। उदयपुर में भारत के किसी भी शहर से रोड और हवाई मार्ग द्वारा पंहुचा जा सकता है।
             Image result for Monsoon Palace | in Hindi

         WITH   LOVE , 4 U

पधारो म्हारो राजस्थान

No comments:

Post a Comment